Hindi Shayari Gulzar part4_Best Gulzar Shayari
उन को अलविदा कहना बड़ा मुश्किल था धड़कनों के रुकने से जान जा सकती थी मेरी
कभी किसी को चुगने वाली बात मत कहिए माफी तो मिल जाएगी पर रिश्ता टूट जाएगा इश्क उसी से करो जिसमें खामियां बेशुमार हो यह खूबियों से भरे चेहरे इतराते बहुत हैं मुझे कहां से आएगा
लोगों का दिल जीतना मैं तो खुद का ही हार कर बैठा हूं,Hindi Shayari Gulzar,
मेरे बदल जाने की वजह मत पूछना आईना देखना और खुद समझ जाना,
पता है तकलीफ क्या है किसी को चाहना फिर उसे खो देना और खामोश हो जाना,
जब भी उदास हो तो रो दिया करो क्योंकि चेहरा पढ़ना भूल गई है,
लो जरा सी बात पर ना छोड़ना किसी का दामन उम्र बीत जाती है दिल का रिश्ता बनाने में,
तरस गए हैं तेरे मुंह से कुछ सुनने को हम प्यार की बात ना सही शिकायत ही कर दो
उसे यह शिकवा के हम उसे समझ ना सके और हमें यह नहीं कि हम जानते हैं बस उसको दे
चाहत है,Hindi Shayari Gulzar,
Hindi Shayari Gulzar, part4
तैयार है नए जख्मों के लिए दिल कुछ लोग बड़े अदब से पेश आ रहे हैं बात करूं तो बहस और चुप रहूं तो गुरूर कुछ ऐसे चल रही है मेरी जिंदगी आजकल
Hindi Shayari Gulzar part4
मिजाज कुछ अपना ऐसा बना लिया हमने जब भी किसी ने बुरा कहा तो बस मुस्कुरा दिया हमने,Best Gulzar Shayari
Hindi Shayari Gulzar part4_Best Gulzar Shayari 2021
एक ही दिन में पढ़ लोगे क्या मुझे मैंने खुद को लिखने में कई साल लगाए हैं,
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गुलज़ार शायरी रेख़्ता
हो शायद किसी महंगे खिलौने से थी और मैं एक बेबस बच्चा था उसे देखता ही रह गया जब भी कोई छोटी सी गलती पर तुम्हें छोड़कर चला जाए तो समझ जाना कि मैं तुम्हारा कभी था ही नहीं
खुद को किसी की अमानत समझकर हर लम्हा वफादार रहना यह भी एक इश्क है,
Best Gulzar Shayari
कुछ सोचना चाहिए था उसे हर सितम से पहले मैं सिर्फ दीवाना नहीं था गांधीधाम
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जो बीत गई सो बात गई आने वाला सुनहरा कल है,Best Gulzar Shayari
वह जाकर योजना हाल नहीं पूछ सकते डर है कहीं कहना देगी यह हक तुम्हें किसने दिया कोई भी रिश्ता अधूरा नहीं होता
बस निभाने की चाहत दोनों तरफ होनी चाहिए आज सोचा कि कुछ तेरे सिवा सोचो अभी तक इसी सोच में हूं कि क्या सोचो
गया था मैं तुझसे दूर बहुत कुछ पाने के लिए पर सेवा तेरी यादों के कुछ हासिल ना हुआ जिनको साथ नहीं देना होता वह अक्सर रूठ जाया करते हैं,Hindi Shayari Gulzar,
तेरी बेरुखी ने छीन ली है शारदे मेरी और लोग समझते हैं कि मैं सुधर गया हूं,Best Gulzar Shayari
हमें खो दोगे तो पछताओगे बहुत आखरी गलती जरा सोच समझ कर करना नहीं मिलेगा तो से कोई हमसा
जा इजाजत है ज़माना आजमा ले काश कि वो लौट आए मुझसे यह कहने कि तुम कौन होते हो,Best Gulzar Shayari
मुझसे बिछड़ने वाले एक मारपीट चली है तुझे चाहते हुए तो आज भी बेखबर है कल की तरह अगर तुम्हारे अपने ही तुमसे दूर तो समझ लेना कि किस्मत को यह मंजूर नहीं था
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