dekha hai teri aankhon ko,hindi shayari,lovers aankhon par shayari
मेरी आंखों से आंसू नहीं रुक रहे और उसकी आंखें नरम तक नहीं है
ऐसे जख्म दिए हैं उसने जिसकी जहां में मरहम तक नहीं है मेरी आंखों से आंसू नहीं रुक रहे और उसकी आंखें नरम तक नहीं है ऐसे
जख्म दिए हैं उसने जिसकी इस जहां में मरहम तक नहीं है उसने विचारक के मेरे लिए आज के अंगारे उसने बिछा रखे हैं मेरे लिए
आज के अंगारे जो गर्म तक नहीं है मैं फिर भी उसकी मुश्किलों में जान लुटाने की बात करता हूं मैं फिर भी उसकी मुश्किलों में जान लुटाने की बात करता हूं और उसकी आंखों में शर्म तक नहीं आया
aankhon par shayari

aankhen sab bolti hai ,hindi shayari
खता औरों की थी और हमें धोने पड़े सिर्फ शब्दों से ना करना किसी के वजूद की पहचान हर कोई इतना कह नहीं पाता जितना कुछ समझता और महसूस करता है
aankhon par shayari

हर वक्त खुद से ज्यादा रुलाता है वह हम सपने में भी जिसे रोने नहीं देते कितना भी खुश रहने की कोशिश करो लेकिन सच में जब कोई याद आता है ना तो बहुत रुलाता पहले सुबह बहुत अब आदत सी है यह दर्द पहले था अब इबादत सी है
dekha hai teri aankhon ko,hindi shayari

किराएदार सी थी तुम्हारी फितरत कभी पूरी तरह से अपना समझा ही नहीं यह जीवन है साहब मिलेंगे नहीं समझेंगे कैसे और भी करेंगे नहीं तो लिखेंगे कैसे
aankhon par shayari

उम्र अगर दम है तो कर दे इतनी सी खता बचपन तो छीन लिया बचपना छीन कर बता ना कोई शिकवा ना गिला ना मना रहा
सितम तेरे भी बेहिसाब रहे सब्र मेरा भी कमाल रहा एक वक्त था जब तेरे ना होने से खालीपन का एहसास था अब आलम यह है कि तेरे होने से भी कोई फर्क नहीं पड़ता मुमकिन नहीं है हर किसी की नजरों में
aankhon par shayari

बेगुनाह रहना बस खुद से यह वादा करो कि अपनी नजरों में बेदाग रहें यह दुनिया नहीं है मेरे पास तो क्या-क्या मेरा यह भ्रम था कि मेरे पास तुम हो खिलाफ कितने हैं
aankhon par shayari

यह मुद्दा नहीं साहब कितनी है यह जरूरी है बहुत भीड़ हुआ करती थी महफिल में मेरी फिर मैं सच बोलता
गया और लोग उठते का ही इतनी कमजोर ना थी मेरी मोहब्बत याद तो तुझे भी आती होगी बस एक ही सवाल पूछना है खुश तो हो ना तुम बहुत अंदर तक तबाही
aankhon par shayari

क्या देती है वह क्यों कह नहीं पाते
कभी-कभी माफी मांगने से कोई फायदा नहीं होता जो बात दिल पर लग जाती है वह लग ही जाती है
आंखों के इशारे हो गए उन्होंने भी आप को समझने भी दो चार्ज लगा दो मैं बात नहीं करती
Aankhon Hi Aankhon Mein Sare Ho Gaye aankhon par shayari

आंखों में हया हो तो पर्दा दिल का ही बाकी है आंखों में हया हो तो पर्दा दिल का ही काफी है नहीं तो नकाब से भी होते हैं इशारे मोहब्बत की जो सुरूर है तेरी आंखों में वह बात कहा
aankhon par shayari

मैं खाने में बस तू मिल जाए तो फिर क्या रखा है जमाने में वह बोलते रहे हम सुनते रहे वह बोलते रहे हम सुनते रहे जवाब आपको में था वह जुबान पर ढूंढते रहे,aankhon par shayari

आंखों से आंखें मिलाकर तो देखो आंखों से आंखें मिलाकर तो देखो हमारे दिल से दिल लगा कर तो देखो सारे जहां की खुशियां तेरे दामन पर रख देंगे सारे जहां की खुशियां तेरे दामन पर रख देंगे हमारे प्यार पर जरा एक बार तो करके देखो
aankhon par shayari

इकरार में शब्दों की अहमियत नहीं होती दिल के जज्बात की आवाज नहीं होती आंखें बयान कर देती है दिल की दास्तां आंखें बयान कर देती है दिल की दास्तान मोहब्बत लफ्जों की मोहताज नहीं होती
Meri aankhen bhi mujhse sawal karne lagi hai
मेरी आंखें भी मुझसे सवाल करने लगी है क्या है उस शख्स में ऐसा जिसकी वजह से तुम मुझे भूल भी जाते हो जो मेरे घर को आती है करो पीछा क्या कहना चाहती है
aankhon par shayari
कड़वाहट तो साहब यूं ही बदनाम है दिल तो अक्सर मीठे लोग होते हैं वह बुरे वक्त की तरह बहुत कुछ सिखा कर चला गया बहुत फर्क होता है अकेले रहने में और अकेले रह जाने में हमने सुना था लोग प्यार में जान भी दे देते हैं लेकिन जो वक्त नहीं देता वह जान कहां से देगा इश्क मोहब्बत की सियासत भी अजीब है पाया नहीं जिसको उसे खोना भी नहीं चाहते
aankhon par shayari
सूरज की आंखों में आंखें डाल कर देखो है औकात तो अपने दम पर घर संभाल के देखो क्या कहते हो मैं तुम्हारे लिए कुछ भी नहीं करती क्या कहते हो मैं तुम्हारे लिए कुछ भी नहीं करते 9 महीने तुम इतने बार करके,aankhen shayari 2 line