जमाने को जलाने वाली हूँ मैं
आग की तरह बढ़ती हूँ मैं

चाहे जितना बुझाएं रास्ता
उससे दूर भागती हूँ मैं

शोले जितनी भी भाप छोड़ दें
धुंध से ताकत बढ़ती हूँ मैं

अँधेरे को चीर देती हूँ मैं
उजाला फैलाती हूँ मैं

धरती के नीचे से आकर
आसमान को छू जाती हूँ मैं
न हारने वाली ज़िंदगी के आगे
खड़ी हूँ हर दर भगती हूँ मैं
सामने खड़ी हूँ इस जमाने से
अपनी रौशनी बिखराती हूँ मैं
“सितमगरों ने बदनाम किया हैं हमक
परवाह नहीं, हम तो शान से जिएँग
उधार के दिए हैं जवाब हमने
ख़ुद को नहीं, दुश्मन को मिटाएँगे
अगर ज़माने में हैं हम अकेले
फ़िक्र नहीं, हम तो जश्न मनाएँगे
जलते रहे हैं ज़माने की बातें
लिपटा नहीं, हम तो आग में खेलेंगे
नहीं रुकेंगे हम अपने सपनों के आगे
उड़ान भरेंगे, ऊँचाइयों तक पहुँचेंगे
समझो ज़माने की ये नहीं हैं हम
हम तो बदलेंगे ज़माने को खुद ही
“दरिया ज़िन्दगी का गहरा और तूफ़ान हूँ
हर रास्ते का मुझे अपना अपना मक़सद हूँ
सागर समझकर बहने वाले ख़याल रहे
मैं तूफ़ान हूँ, उसकी हद का एहसास हूँ
ज़मीन से जुड़े हैं मेरे अपने रास्ते
आसमान से मुझे तक़दीर का इल्म हूँ
हर दर्द को सहने की ताक़त रखता हूँ
और रौशनी बिखेरने का इरादा रखता हूँ
न रुकूंगा मैं न ही किसी रुकने दूंगा
हर चुनौती को बहादुरी से मुकाबला करूँगा
साहिल पर खड़े होकर ज़िन्दगी को चुनूंगा
दरिया ज़िन्दगी का गहरा और तूफ़ान हूँ
jamane ko jalane wali shayari किसी को जलाने की एटीट्यूड शायरी, 2023
मेरे ज़िद्दी और जुनूनी अंदाज़ को
जलने वाले देख कर दुनिया रोएगी
मेरे तूफ़ानी इरादे को चुनौती दो
फिर देखो, मैं चंद दरिंदों को धोएगी
jamane ko jalane wali shayari,
हर तक़दीर के चक्कर में खड़े होकर
अधूरी ख्वाहिशों को पूरा करोगे
मैं नहीं डरती रुकने की ख़बर से
मेरे जज़्बातों से ज़माना डरेगा
जिस जलने वाले की हसरत होगी
मेरे उछले तरंगों को देखकर वो तरपेगा
तेरे हारने की तड़प में नहीं हैं हम
मेरी जलने वाली शायरी से तू भी जलेगा
“न तेरी नज़र में गिरने का डर है मुझे
मैं बिखर जाऊँगी तो भी चमकूँगी
जलवे से जलते हैं सब मेरे दीवाने
मैं आग बन कर उन्हें जलाऊँगी
ज़िन्दगी के रास्ते में अगर मुश्किलें हैं
तो मैं तूफ़ान हूँ उन्हें तूफ़ान बनाऊँगी
सिर्फ़ हर नाकामी के बाद मिलता हैं मुझसे सफलता
मैं हिम्मत से उन्हें आगे बढ़ाऊँगी
jamane ko jalane wali shayari
हर चुनौती को हावी कर दूँगी मैं
मेरे ज़िद्दी और जुनूनी अंदाज़ को
जिसे जलाने की हैं हिम्मत वो आए
मैं बारूदी बादल हूँ उसको भी बुझा दूँगी
“जलने वालों की नज़रों को चुराकर
चमक जाती हूँ मैं खुद को सजाकर
अपने दम पर ही मैं यहाँ तक पहुँची
नाममात्र से नहीं, मेहनत से बनाकर
खुद को ताकतवर साबित करती हूँ
वक्त के साथ बदलती नहीं, खुद को समझाकर
जब चाहों तबाह कर सकती हूँ दुनिया को
हर मुश्किल को अभी आसान बनाकर
मेरी ज़िन्दगी में खुद ही मैं सितारा हूँ
जिसकी रोशनी जलाकर सबको चमकाकर
jamane ko jalane wali shayari,
बस ज़रा सा ज़िद्दी हूँ इस जहाँ में
खुद के दिए रास्ते पर चलती जा रही हूँ
new किसी को जलाने की एटीट्यूड शायरी
न रुकूंगी मैं किसी के सवालों के आगे
मेरे अंदाज़ को समझना तुम्हारी बात नहीं
जो भी हैं ये मैंने स्वयं बनाया हैं
मेरे इरादे को चुनौती देना तुम्हारी हास्य रचना नहीं
दीवानगी में हूँ मैं ख़ुद को खो बैठी
नकाब में छुपना तुम्हारी महोब्बत नहीं
चाहे जितना जलो जलाओ मुझे बुरा
मैं बेहद हूँ जलने की मोहब्बत तुम्हारी ज़रूरत नहीं
हर कदम पे बिखर जाती हूँ मैं
अपनी हक़ीक़त को दिखाने से नहीं डरती
मेरी ताक़त है ज़िन्दगी को समझने की
मैं बेबाक़ हूँ जिसे समझ न पाओगे तुम
हार मानने से पहले मुझसे पूछो
मैं तो तूफ़ान हूँ तुम्हारे सामने तूफ़ान आएगा
चाहे जितने भी कठिन हो रास्ते
मैं हिम्मत से उन्हें अपने क़दमों से मिटाएगा
न ताकतवर दिखूं न मेरी कमज़ोरियाँ छुपाऊँ
मैं खुल के जिएँगी जिसे तुम मिल जाएगा
मेरी ज़िद्दी और जुनूनी आवाज़ को सुनो
मैं तो तूफ़ान हूँ तुम्हारे ख़्वाबों को चुराऊँगी
jamane ko jalane wali shayari,
अपनी हार को देखकर हिम्मत हार नहीं सकती
मैं उड़ने की चाहत जिसे मैंने नहीं हारी
जो देखना चाहते हैं मुझे हारते हुए
वो तुम्हारे सामने मैं जीतते हुए आएगी
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