ghalib ki shayari,ग़ालिब की शायरी हिंदी में motivation
“हर एक बात पे कहते हो कि तू क्या है,
तुम कहो कि ये अंदाज-ए-गुफ्तगु क्या है।”
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“हुई मुद्दत के ग़ालिब मर गया,
पर याद आता है हर घड़ी, हर घड़ी।”
![ghalib ki shayari,ग़ालिब की शायरी हिंदी में motivation 3 ghalib ki shayari,3](https://www.shayari.tech/wp-content/uploads/2023/05/ghalib-ki-shayari3.jpg)
“हम को मालूम है जन्नत की हकीकत लेकिन,
दिल के खुश रखने को, ‘गालिब’ ये ख्याल अच्छा है।”
![ghalib ki shayari,ग़ालिब की शायरी हिंदी में motivation 4 ghalib ki shayari,4](https://www.shayari.tech/wp-content/uploads/2023/05/ghalib-ki-shayari4.jpg)
“आज बाजार में पा-बजोलन चलो,
दस्त-ए-अफशां चलो, मस्त-ओ-राह-ए-हयात-ए-जावेदन चलो।”
![ghalib ki shayari,ग़ालिब की शायरी हिंदी में motivation 5 ghalib ki shayari,5](https://www.shayari.tech/wp-content/uploads/2023/05/ghalib-ki-shayari5.jpg)
“कोई उम्मेद बर नहीं आती,
कोई सूरत नज़र नहीं आती।”
![ghalib ki shayari,ग़ालिब की शायरी हिंदी में motivation 6 ghalib ki shayari,6](https://www.shayari.tech/wp-content/uploads/2023/05/ghalib-ki-shayari6.jpg)
“जिस तरह सर बड़ा-ए-सबा फैला कर गया,
तो चलते थे हम भी अक्सर गम-ख्वार होकर।”
![ghalib ki shayari,ग़ालिब की शायरी हिंदी में motivation 7 ghalib ki shayari,7](https://www.shayari.tech/wp-content/uploads/2023/05/ghalib-ki-shayari7.jpg)
“दिल ही तो है ना संग-ओ-खिश्त,
दर्द से भर ना आए क्यों,
रोयें हम हजार बार, कोई हमें सत्य क्यों?”
![ghalib ki shayari,ग़ालिब की शायरी हिंदी में motivation 8 ghalib ki shayari,8](https://www.shayari.tech/wp-content/uploads/2023/05/ghalib-ki-shayari8.jpg)
“ये ना थी हमारी किस्मत के विसाल-ए-यार होता,
अगर और जीते रहते हैं यही इंतजार होता है।”
![ghalib ki shayari,ग़ालिब की शायरी हिंदी में motivation 9 ghalib ki shayari,9](https://www.shayari.tech/wp-content/uploads/2023/05/ghalib-ki-shayari9.jpg)
“वो फ़िराक़ और वो विशाल कहाँ,
अब भी है दिल में खोई हुई याद कहां।”
![ghalib ki shayari,ग़ालिब की शायरी हिंदी में motivation 10 ghalib ki shayari,10](https://www.shayari.tech/wp-content/uploads/2023/05/ghalib-ki-shayari10.jpg)
“कोई वादा नहीं फिर भी,
तुझे पाने की चाह है,
कोई दर्द नहीं फिर भी,
तेरी याद का दर्द है।”
![ghalib ki shayari,ग़ालिब की शायरी हिंदी में motivation 11 ghalib ki shayari,11](https://www.shayari.tech/wp-content/uploads/2023/05/ghalib-ki-shayari11.jpg)
“दिल-ए-नादान तुझे हुआ क्या है,
आखिर इस दर्द की दवा क्या है?”
![ghalib ki shayari,ग़ालिब की शायरी हिंदी में motivation 12 ghalib ki shayari,12](https://www.shayari.tech/wp-content/uploads/2023/05/ghalib-ki-shayari12.jpg)
“मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का,
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफिर पे दम निकले।”
![ghalib ki shayari,ग़ालिब की शायरी हिंदी में motivation 13 ghalib ki shayari,13](https://www.shayari.tech/wp-content/uploads/2023/05/ghalib-ki-shayari13.jpg)
“बाजीचा-ए-अतफाल है दुनिया मेरे आगे,
होता है शब-ओ-रोज तमाशा मेरे आगे।”
ghalib ki shayari,ग़ालिब की शायरी हिंदी में
![ghalib ki shayari,ग़ालिब की शायरी हिंदी में motivation 14 ghalib ki shayari,14](https://www.shayari.tech/wp-content/uploads/2023/05/ghalib-ki-shayari14.jpg)
“है और भी दुनिया में सुखंवर बहुत अच्छे,
कहते हैं कि ग़ालिब का है अंदाज़-ए-बयान और।”
![ghalib ki shayari,ग़ालिब की शायरी हिंदी में motivation 15 ghalib ki shayari,15](https://www.shayari.tech/wp-content/uploads/2023/05/ghalib-ki-shayari15.jpg)
“कोई उम्मीद बार नहीं आती,
कोई सूरत नज़र नहीं आती।”
“रंज से खुद ही में उलझ कर कुछ बात है,
मगर कुछ तो है जिसकी परदादारी है।”
“आशिकी सब्र-तालाब और तमन्ना बेटाब दिल का क्या रंग करूं,
खून-ए-जिगर होने तक।”
“कुछ इश्क किया कुछ काम किया,
मार गए और कम किया।”
“शम्मा हर रंग में जलती है सहर होने तक,
रात ढलने के इंतजार में जलता है दिल और।”
“वो आए हमारे ख्वाबों में एक बार,
हम उन सारी उमर भुला ना सके।”
“कहां मायखाने का दरवाजा गालिब और कहां वाइज,
पर इतना जानते हैं कल वो जाता था के हम निकले।”
“ये ना थी हमारी किस्मत के वीजाल-ए-यार होता,
अगर और जीते रहे यही इंतजार हॉट
“आदमी आदमी से मिलता है,
दिल को दिल से मिला कर देखो,
खुद को भी अगर मिल जाओ तो जिंदगी मिला कर देखो।”
“इश्क ने ‘गालिब’ निकम्मा कर दिया,
वरना हम भी आदमी काम के।”
“दिल से तेरी निगाह जिगर तक उतर गई,
राह-ए-उल्फत में ये दाग दाग तो सही।”
“तेरे वादे पे जिए हम तो ये जान झूठ जाना,
की खुशी से मर ना जाते अगर ऐतबार होता है।”
“कुछ मुझको भी बता ऐ गुलज़ार-ए-चमन,
शब-ए-फ़िराक़ की धूप क्या होगी?”
“अजब है दर्द मोहब्बत का, ये क्या चीज है,
न पूछो के हमको क्या मिला है, हमने क्या खोया है।”
“इश्क ने ‘गालिब’ निकम्मा कर दिया,
वरना हम भी आदमी काम के।”
“कोई दीवाना कहता है,
कोई पागल समझ है,
मगर धरती की बेचानी को बस बादल समझ है।”
“उमरा भर ग़ालिब यही भूल करता रहा,
धूल चेहरे पर थी, और साफ करता रहा।”
“मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का,
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफिर पे दम निकले।”
“दिल दर्द से खाली नहीं, हम कुछ खाली खाली है,
रात को भीगी पालकों से इक शायर सुना कर तो देखो।”
“इश्क ने ‘गालिब’ निकम्मा कर दिया,
वरना हम भी आदमी काम के।”
“तेरे वादे पे जिए हम तो ये जान झूठ जाना,
की खुशी से मर ना जाते अगर ऐतबार होता है।”
“जिसे देखना ना हो, वो बात है नज़र में,
जिसे चुना ना हो, वो हाथ है दिल में।”
“उनके देखे से जो आ जाती है मुंह पर रौनक,
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है।”
“नक्श फरियादी है किस की शोखी-ए-तहरीर का,
कागजी है पैराहन हर पैकर-ए-तस्वीर का।”
“दिल से तेरी निगाह जिगर तक उतर गई,
राह-ए-उल्फत में ये दाग दाग तो सही।”
“यूं हसरतों के दाग मोहब्बत में धो लिए,
चले हैं कुछ इश्क की मकतूल से गुफ्तगू करने।”
“कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता,
कभी ज़मीन तो कभी आसमान नहीं मिलता।”
“आदमी आदमी से मिलता है, दिल को दिल से मिला कर देखो,
खुद को भी अगर मिल जाओ तो जिंदगी मिला कर देखो।”
ग़ालिब की शायरी हिंदी में love
“कुछ इश्क किया कुछ काम किया,
मार गए और कम किया।”
“दर्द मिन्नत-काश-ए-दावा ना हुआ,
मैं ना अच्छा हुआ, ना बुरा हुआ।”
“कभी कोई मुश्किल पड़ जाए तो दिल से घबरा कर नहीं बढ़ता,
बस आगे बढ़ता जा रहा है।”
“ये मेरी मिसालें हैं कुछ इश्क की,
कुछ तकलीद की, कुछ इबादत की।”
“इश्क के मरिज को आलम-ए-तन्हाई पसंद है,
जिस से हो ना सका बात वो मैका पसंद है।”
“निकलना खुल्द से आदम का सुनते आए हैं लेकिन,
बहुत बी-आबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले।”
“खुदा के वास्ते परदा न काबे से उठा ज़ालिम,
कहीं ऐसा ना हो ये खुदा भी तुझसे रूठ जाए।”
“कोई उम्मीद बार नहीं आती,
कोई सूरत नज़र नहीं आती।”