happy raksha bandhan,Bhai Bahan Ki Shayari
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भुला दिया है क्यों तुमने क्या बहन पराई हो गई अरे भुला दिया है क्यों तुमने क्या बहन पराई हो गई राजदुलारी गुड़िया रानी क्या अब ना तुम्हारी रह गई हंसते गाते संग खेले दिल वह पुराने भूल Bhai Bahan Ki Shayari,
गए हरे हंसते गाते संग खेले क्यों दिन वह पुराने भूल गए अरे विदा किया था घर से मुझको पर क्या दिल से भी विदा में हो गई राजदुलारी गुड़िया रानी क्या अपने तुम्हारे रह गई
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बहन की वेदना बहन का प्यार बहन के आंसू पुकारते हैं अपने भाई को और कहते हैं कि जितना हक है तुम्हारा भैया उतना मेराBhai Bahan Ki Shayari,
अधिकार है क्योंकि बहन जब विदा होती है तो कुछ लेकर नहीं जाती सब कुछ अपने भाई के लिए छोड़कर जाती है तो बहन कहती
है कि जितना हक है तुम्हारा भैया उतना मेरा अधिकार है मात पिता का प्यार तुम्हारा मैं दूर हूं यह भी स्वीकार है पर तुम बहना
को भूलो यह दर्द सहा ना जाएगा बहन कहती है कि माता पिता का प्यार भी तो नहीं मिल रहा है मुझे तो नहीं मिल रहा है तो भी मुझे
स्वीकार है और तुम फिर भी बहन को भूल गए पर तुम बहना को भूलो यह दर्द सहा ना जाएगा भेजो एक कौन है एक ही अपनाBhai Bahan Ki Shayari,bhai bahan ki shayari hindi,
परिवार है माता पिता का प्यार तुम्हारा मैं दूर हूं यह भी स्वीकार है और जितना हक है तुम्हारा भैया
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हुस्ना मेरा अधिकार है पर आकर में बहन कहती है कि मैं राखी बांधना चाहती हो तो मैं यह नहीं चाहती कि तुम मुझे पैसा दो
रुपया दोस्त सोना चांदी तो बहन कहती है कि मत देना मुझे सोना चांदी ना जाने ना खजाना अरे मत देना मुझे सोना चांदी ना कहने
ना खजाना प्यार से सर पर हाथ भैरव मांगू छोटा सा नजराना और बहन भाई का प्रेम सदा ही निश्चल निर्मल होता कोई जुदा ना कर
पाए चाहे जोर लगा ले जमाना प्यार है सर पर हाथ फेरा मांगो छोटा सा नजराना मत देना मुझे सोना चांदी ना कहने लग जाना