Top 100+desh bhakti shayari,देशभक्ति शायरी हिंदी में
लंच भी गुलाम है गुलाम है हम पर भी लगाम लफ्ज़ भी गुलाम है कलम पर भी लगाम है लगता है आजादी के मायने से अभी अनजान है लगता है आजादी के मायने से अभी अनजान है जो तू धरा बहुत महान है जो तो यह बहुत महान है इसकी मिट्टी में भगत सिंह का नाम इसकी मिट्टी भगत सिंह का नाम है
लाखों वीरों ने लागू वीरों ने इसमें अपना रक्त मिलाया है लाखों वीरों ने अपना रक्त मिलाया है तब जाकर आजादी का रंग पाया
गांधी के उद्देश्य गांधी के उद्देश्य है खुद का संज्ञान जहां है गांधी के उपदेश यहां है खुद का परम ज्ञान यहां है,desh bhakti shayari,

पर जाने कैसे हैं लूट रहे अगला कहां पर जाने कैसे लूट रहा एक अपना सामान है भगत सिंह शायद हमने तस्वीरों में से निकली भगत सिंह को फांसी तस्वीरों में कैद कर दिया साक्षी को किताबों के नाम कर दी नाम कर दिया
Top 100+desh bhakti shayari,देशभक्ति शायरी
देर शाम का है पर इतनी लामकान काहे पर चरित्र नीलाम कर दिया,,desh bhakti shayari,
जुम्मा टीकाकरण का देखो अपना फर्ज निभा पार्टी का कर्ज चुकाने को अपना भारत मां के वीर सपूत भारत मां के वीर सपूत सीने पर गोली झील भारत मां के वीर सपूत सीने पर गोली खेल रहे पर जाने कैसे सत्ता लोभी जाने कैसे चालू की शहादत पर भी सियासत खेल रहे पर जाने कैसे सत्ता लोभी शहादत पर भी सियासत खेल रहे
हम बने मौन तमाशा और हम बने मॉम तमाशा देख रहे स्टेटस लगाकर कैंडल लगाकर स्टेटस लगा कर कैंडल जलाकर जाने किस को सांत्वना दे रहे हैं
यूं तो सोने की चिड़िया कहलाने का गौरव हमको प्राप्त है जो दो सोने की चिड़िया कहलाने का गौरव हमारे पास है,desh bhakti shayari,
अक्षरों में लिखा हमारा इतिहास बड़े अक्षरों में लिखा हमारा इतिहास है विश्व गुरु कहलाने की सोच हमने पाई है विश्व गुरु कहलाने कि हमने पाई है पर क्या सबको यहां रोटी मिल पाई पर क्यों सबको यहां रोटी मिल पाई है,,desh bhakti shayari,
कहने को तो हम आजाद हैं कहने को तो हम आजाद हैं लगता है आजादी के मायने से अब तक भी अनजान है